त्योहारों और व्यंजनों का महत्व
त्योहार जहां खुशहाली का संदेश लाते हैं, वहीं ये त्योहार किसी न किसी व्यंजन की महक भी अपने साथ लाते है। त्योहारों और पकवानों का संबंध बेजोड़ है। कैसे यह व्यंजन इन त्योहारों के साथ जुड़े, इनकी अलग-अलग कहानी हो सकती है, परंतु इन व्यंजनों से हमारा जुड़ाव बरसों से है। हम सालों से अपने विभिन्न पर्वों को इन व्यंजनों के साथ मानते रहे है । यह व्यंजन विभिन्न आकार और रंगों मे अद्भुत स्वाद के खजाने हैं।
वास्तव मे हमारे जीवन मे गणित का बहुत प्रभाव है, तभी तो हम नानाप्रकार के ज्यामितीय व्यंजनों का सेवन करते हैं । केवल आकार ही नहीं बल्कि हम विभिन्न रंगों मे इन पकवानों को बनाते और सेवन करते है । इन आकारों और रंगों के पीछे क्या कारण है यह एक शोध का विषय है। परंतु इन व्यंजनों से हमारा रिश्ता सदियों पुराना है।
इसी कड़ी में आज हम होली के पर्व पर बनने वाले व्यंजन “गुजिया” के बारे में बात करेंगे।
गुजिया क्या है?
मावा की गुजिया |
इसका एक और प्रचलित रूप इसे चीनी की चासनी मे डुबोकर बनाया जाता है ।
वैसे तो पहले यह व्यंजन मुख्यतः होली के पर्व पर घर-घर मे बनाया जाता था परंतु आजकल यह मिठाई की दुकानों पर प्रायः मिल ही जाती है ।
गुजिया कैसे बनती है ?
गुजिया मैदा, सूजी, खोया, नारियल का बुरादा और विभिन्न प्रकार की मेवों को भरकर एक अर्द्ध चंद्र आकृति मे घी मे तलकर बनाया जाने वाला व्यंजन है।
आजकल विभिन्न प्रकार के मिश्रण को भरकर तरह-तरह की गुजिया बनाई जाती है । परंतु उत्तर भारत मे मुख्यतौर पर सूजी और मावा की गुजिया ही अधिक लोकप्रिय है । चिरोंजी एक ऐसी मेवा है जिसका प्रयोग गुजिया बनाने मे विशेष इस्तेमाल होता है , जो इसके स्वाद को और बड़ा देता है ।
गुजिया कितने प्रकार की होती हैं ?
वास्तव मे गुजिया मुख्यतः दो प्रकार की होती है- जिसे भरावन व् मिश्रण के आधार पर वर्गित किया जा सकता है ।
सूजी की गुजिया |
दूसरी वो गुजिया होती है जिसे मावा, मेवों और चीनी आदि के मिश्रण को मैदा की अर्द्ध चंद्र आकार की आकृतियों मे भरकर और फिर उन्हें घी मे तलकर बनाया जाता है ।
इसके अलावा “गुजिया” को चीनी की चाशनी मे डुबोकर और चांदी के वर्क चढ़ाकर भी बनाया जाता है।
आजकल गुजिया कई प्रकार की बनाई जाती है । जैसे - चॉकलेट गुजिया, केसर गुजिया , डिजाइनर और पाइनऐप्ल गुजिया आदि ।
गुजिया कितने नामों से जानी जाती है ?
- पेडुकीया – बिहार मे गुजिया को पेडुकीया के नाम से जाना जाता है ।
- कुसली – छतीसगढ़ और मध्य प्रदेश मे इसे कुसली के नाम से जाना जाता है ।
- घूघरा – गुजरात मे इसे घूघरा कहते है । जिसे दो प्रकार से बनाया जाता है ।
- करंजी – महाराष्ट्र और उड़ीसा मे गुजिया करंजी के नाम से जानी जाती है ।
- सोमस – तमिलनाडु मे यह सोमस के नाम से प्रचलित है ।
- गरिजालू – तेलंगाना मे
- कज्जकयालु - तेलगू मे
- करंजिकाई - कर्नाटक मे
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