समोसा


ALOO KA SAMOSA
आलू का समोसा 


समोसे का नाम सुनते ही मुँह मे पानी आ जाता है। यह एक ऐसा व्यंजन है जिससे लगभग सभी लोग परिचित होंगे । छोटे-बड़े सभी को यह बहुत पसंद आता है । भारतीय व्यंजनों मे समोसे का नाम न आए ऐसा हो नहीं सकता। अपनी सुगंध और लाजवाब स्वाद के कारण यह बेहद लोकप्रिये व्यंजन है।  कहते है कि यह व्यंजन किसी अन्य देश से भारत आया। परंतु भारत आकर, एक नया रूप लेकर, यह यहाँ की संस्कृति मे ऐसा रच बस गया कि इसके इतिहास से मानो तो यह दूसरे देश से आया व्यंजन प्रतीत नहीं होता। 

समोसा क्या है ? 

समोसा मसालेदार आलू और मैदा से बनने वाला स्वादिष्ट व्यंजन है। जिसकी बाहरी कुरकुरी परत मैदा की त्रिकोण आकृति की होती है, जिसमे मसालेदार आलू का मिश्रण भरा होता है । यह चाय के समय खाये जाने वाला व्यंजन है। यह एक ऐसा व्यंजन है जिसे खट्टी-मीठी चटनी के साथ खाया जाता है।  

दिल्ली मे इसको छोलों के साथ भी खाया जाता है। छोलों के साथ, समोसा एक  नायाब स्वाद का अनुभव कराता है । 

उत्तर प्रदेश मे इसे त्रिकोण  भी कहा जाता है । 


समोसा कई प्रकार के होते है – जैसे 

आलू मटर समोसा : 

मैदा की कुरकुरी बाहरी परत मे भुने हुए आलू, मटर और बहुत से मसालों का मिश्रण इस व्यंजन को एक अद्भुत त्रिकोण रूप तो देता ही है बल्कि इसकी खुशबू और स्वाद चित को प्रसन्न भी कर देती है । तरह-तरह से परोसे जाने के विकल्पों की वजह से यह लोगों की बीच काफी लोकप्रिय भी है । 

आलू के एक अलग तरह के मिश्रण के साथ समोसा  पंजाबी समोसे के नाम से भी काफी प्रचलित है। 


प्याज का समोसा : (Onion Samosa) 

यह ज्यादातर राजस्थान मे बहुत प्रसिद्ध है । इसमे भी मैदा की कुरकुरी बाहरी परत होती है जिसमे आलू और प्याज का मिश्रण भरा होता है । खाने मे यह बहुत स्वादिष्ठ लगता है । 


मिनी आलू समोसा (Mini Samosa)

MINI ALOO SAMOSA

छोटा आलू का समोसा भी उतना ही लाजवाब होता है जितना कि  बड़ा समोसा। दिल्ली और उसके आस-पास के इलाके मे यह काफी प्रचलित है। इन छोटे समोसों को काटकर खट्टी-मिट्ठी चटनी और ऊपर से चाट मसाला डालकर खाया जाता है । दिखने मे बेहद सिम्पल पर खाने मे उतने ही लाजवाब होते है, ये मिनी समोसे।  


मिनी दाल का समोसा (Farsan Samosa): 

यह समोसे नमकीन की श्रेणी आते है जिन्हे फरसाण समोसे कहा जाता है । बाहरी कुरकुरी मैदा की परत के अंदर मेवों और नमकीन दाल और भुजिया के पिसे हुए मिश्रण को भरकर इन्हें तैयार किया जाता है। अपने इस रूप मे भी यह उतने ही स्वादिष्ट लगते है जितने कि अपने बड़े रूप में । यह समोसे काफी लंबे समय तक रखे जा सकते है। 


मिनी मटर समोसा  (Pea Samosa) : 

मटर और मसालों के मिश्रण से भरे यह छोटे समोसे बहुत ही स्वादिष्ट लगते है। मैदा की सिकी हुई बाहरी परत मे मटर का यह मिश्रण एक नायाब स्वाद का अनुभव कराता है । इन समोसों को आप लगभग एक हफ्ते तक इस्तेमाल कर सकते है ।  इन समोसों को गुजराती समोसा के नाम से भी जाना जाता है । 


ईरानी समोसा : 

त्रिभुज आकार की आकृति को बनाने की नई विधि और एक  अलग प्रकार के मिश्रण से भरे हुए ये समोसे अपने आप मे लाजवाब है । ये ईरानी व हैदराबादी   समोसे कहलाते है। मैदे की पट्टियों से त्रिभुजाकार आकृति बनाकर उसमे  पायज, बंदगोभी, गाजर, पोहा आदि से तैयार मिश्रण भरकर इन्हें तेल या घी मे तलकर तैयार किया जाता है । पट्टी से बनने के कारण इन समोसों को पट्टी समोसा भी कहा जाता है । 

इन पट्टी समोसों को अपनी मनपसंद फिलिंग के साथ भी तैयार किया जा सकता है । 


फुल्कोपिर समोसा : 

उड़ीसा और कोलकाता मे समोसे को शिंगरा / सिंगारा  (Shingara / Singara) भी कहते है। शिंगरा / सिंगारा कई प्रकार का होता है परंतु सबसे अधिक प्रचलित है फुलकोपिर सिंगारा है । फुल्कोपिर सिंगारा एक प्रकार का समोसा है जो कोलकाता मे अधिक लोकप्रिये है । यह आलू और फूलगोभी से बनाया जाने वाला और चाय के साथ खाए जाने वाला व्यंजन है । यह प्रायः  सर्दियों  मे  मिलने वाला व्यंजन है ।  


वेनगया (Vengaya) समसा  / Onion Samsa :

समोसा भारत के दक्षिण भाग में भी  काफी लोकप्रिय है । यहाँ पर वेनगया  समसा  बनाया जाता है । कोयम्बटूर मे इसे अन्यन पूपसू  कहा जाता है । इसे प्याज  और विभिन्न प्रकार के मसालों  के मिश्रण को  मैदा  की त्रिभुजाकार  आकृतियों  मे भरकर बनाया जाता है  जो खाने मे बहुत स्वादिष्ट लगता है । 


समोसे का मीठा रूप : 

गुजिया समोसा :

समोसा अपने नमकीन स्वरूप मे जितना प्रसिद्ध है उतना ही स्वादिष्ट यह अपने मीठे रूप मे भी है । मीठे स्वरूप मे समोसा के अंदर का मिश्रण गुजिया की तरह मावे, चीनी और मेवा आदि का होता है जिसने तलकर और चासनी  मे डुबोकर बनाया जाता है । आप चाहे तो इसे बिना चासनी मे डुबोये भी खा सकते है ।  


मक्खन का समोसा :

यह समोसा खासतौर पर मथुरा मे मिलता है। यह समोसा मक्खन की बाहरी परत मे चीनी, मावा और मेवा आदि का मिश्रण भरकर त्रिकोण के आकार मे बनाए जाते हैं । इन समोसों को ठंडक में ही रखा जाता है और इनको ठंडा   ही परोसा  जाता हैं । 


समोसे की चाट: 

समोसे को चाट के रूप मे कई तरीकों से खाया जाता है। समोसे की तरह इसका चाट स्वरूप भी काफी प्रसिद्ध और स्वादिष्ट है । समोसे के कुछ चाट स्वरूप इस प्रकार हैं :


समोसा दही और सोंठ चाट :

उत्तर प्रदेश समोसे  की चाट के लिए भी बहुत प्रसिद्ध है । खासतौर पर मथुरा  यहाँ पर समोसे को दही सोंठ और हरी-लाल  चटनी के साथ कुछ खास मसाले डालकर चाट के रूप मे खाया जाता है। यह  चाट खाने मे अति  स्वादिष्ठ लगती है। सोंठ एक प्रकार की खटी-मीठी चटनी होती है जिसे खटाई व इमली से बनाया जाता है । समोसे की यह चाट वास्तव मे स्वाद की एक अलग ही श्रेणी है। 


समोसा छोले चाट :

दिल्ली मे छोले समोसे की चाट बहुत ही लोकप्रिय है । इस चाट को मसालेदार तरीवाले छोलों के साथ चटनी, बारीक कटी प्याज और बारीक नमकीन सेव डालकर बनाया जाता है, जो खाने मे बहुत ही लाजवाब लगता है । बच्चे इस चाट को बहुत पसंद करते  हैं। 


समोसा रगड़ा चाट :

छोलों की तरह ही समोसा रगड़ा चाट है जोकि मुंबई और गुजरात मे बहुत प्रसिद्ध है। इसको बनने  के लिए सफेद मटर जिसे रगड़ा कहा जाता है का इस्तेमाल किया जाता है। समोसे मे रगड़ा मिलाकर उसमे कुछ खट्टी-मीठी चटनी, बारीक सेव और कटी हुई बारीक प्याज और कुछ मसाले डालकर इसको बनाया जाता है । 


 समोसे का आधुनिक रूप 

आजकल समोसे अपने आधुनिक रूप मे भी काफी प्रसिद्ध हो रहे है। आधुनिक युग मे समोसा पिज्जा, पास्ता और नूडल्स आदि के मिश्रण सहित भी काफी लोकप्रिये हो रहे हैं । यही नहीं अब समोसे शाही पनीर, मलाई पनीर, और चॉकलेट के रूप मे भी काफी पसंद किए जा रहे हैं। 

 

आधुनिक समोसे के कुछ प्रमुख रूप इस प्रकार है –

१) पिज्जा समोसा 

२) नूडल्स समोसा 

३) चॉकलेट समोसा 

४) शाही पनीर समोसा 

५) मलाई समोसा 

६) पास्ता समोसा 


हमारे व्यंजन समयानुसार आधुनिक और पारंपरिक दोनों ही रूप मे एक अनोखे स्वाद और सुगंध के परिचायक है । हमसे और हमारे त्योहारों से इनका जुड़ाव अनूठा है । 



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