अन्नकूट | अन्नकूट की सब्जी


अन्नकूट गोवर्धन पूजा के अवसर पर तैयार किया जाने वाला एक व्यंजन है। यह व्यंजन विभिन्न प्रकार की सब्जियों के मिश्रण का रूप है। इसे   वास्तव मे यह एक पारंपरिक व्यंजन है जिसका का संबंध  एक कथा से है जो इस प्रकार हैं।  

अन्नकूट की सब्जी
अन्नकूट की सब्जी

एक पौराणिक कथा के अनुसार, ब्रज भूमि मे लोग भगवान इन्द्र का पूजन करते थे और उन्हें तरह-तरह की व्यंजन अर्पित किया करते थे, जिसे वे अपनी समृद्धि का कारण समझते थे। परंतु भगवान  कृष्ण ने उनके इस मत को बदल गोवर्धन पर्वत को उनकी समृद्धि का कारण बताया और लोगों को गोवर्धन का पूजन करने को प्रेरित किया। इस पर इन्द्र देव ने कुपित होकर मूसलादार वर्षा से ब्रजवासियों को परेशान कर दिया। इस पर भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उठाकर ब्रजवासियों के प्राणों की रक्षा की और इन्द्र देव के गुरूर को भंग किया। इस प्रकार लोगों द्वारा इस दिन गोवर्धन पर्वत स्वरूप भगवान कृष्ण को विभिन्न प्रकार के व्यंजनों से भोग लगाया गया, जो अन्नकूट के नाम इस प्रसिद्धि हो गया ।

तब से हर वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिप्रदा को गोवर्धन उत्सव मनाया जाता है। अतः दिवाली के अगले दिन इस उत्सव को बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है ।  

अन्नकूट एक ऐसा व्यंजन है जो विभिन्न प्रकार की सब्जियों के मिश्रण के तौर पर बनाया जाता है। इसलिए इसे गड की सब्जी भी कहा जाता है । यह बहुत ही स्वादिष्ट और पौष्टिक व्यंजन हैं। श्रद्धा और प्यार से तैयार यह व्यंजन अनूठे स्वाद का प्रतीक है। विभिन्न प्रकार की सब्जियों से बने इस व्यंजन मे – कुछ सब्जियां खास है जो इसे एक अनूठा स्वाद प्रदान करती हैं – जैसे – शकरकंदी, मूली, मेथी और सिंघाड़ा । 

इस व्यंजन मे डलने वाली विभिन्न सब्जियां इस प्रकार हैं – आलू, अदरक, हरी मिर्च, टमाटर, मटर, गाजर, मूली, घिया, तौरी, टिंडा, परवल, कद्दू, जीविकंद, पालक, मेथी, सेम, रमास की फली, राजमा की फली, अरबी, शकरकंदी, सिंघाड़ा, फूल गोभी, बंद गोभी, कुंदरु, शिमला मिर्च, हरा धनिया, गवार फली इत्यादि । 

गोवर्धन पर बनने वाले व्यंजन जैसे कढ़ी-पकोड़ा और भात के साथ अन्नकूट का सेवन अति  स्वादिष्ट  लगता है ।  

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गोवर्धन महराज  की जय 


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