तिल , गुड़ और मूंगफली के व्यंजन

सर्दियों के मौसम मे जहां सर्दी अपना प्रभाव दिखाती है वहीं हमारे व्यंजन सर्दियों के मौसम के हानिकारक प्रभाव से हमें बचाते  हैं । सर्दियों के शुरू होने के साथ ही हम अपने भोजन मे तिल, गुड़, मूंगफली, सूखे मेवे और बाजरे का सेवन करना शुरू कर देते हैं। वैसे तो आजकल बाजार मे लोग फास्ट फूड की तरफ ज्यादा आकर्षित होते है और उसी को खाना  ज्यादा पसंद करते हैं। देखा जाए तो फास्ट फूड खाना गलत नहीं हैं, परंतु हमे सदैव ऐसी चीजों का सेवन करना चाहिए जो हमारी सेहत के लिए लाभदायक भी हों। चलिए जानते हैं कुछ पौष्टिक व्यंजनों के बारे मे जिन्हें हम घर पर बड़ी आसानी से तैयार कर सकते है या फिर आजकल बाजार से खरीदकर भी खा सकते हैं । आज हम तिल, मूंगफली, गुड़ और बाजरे से बने व्यंजनों के बारे मे बात करेंगे । इस ब्लॉग मे हम  बात करेंगे  तिल, गुड़ , मूंगफली और बाजरे  जैसी  सामग्री और इससे बनने वाले व्यंजनों के बारे मे।  

पहली सामग्री तिल

तिल जोकि  पौषक तत्वों का भंडार है। तिल में कैल्शियम, डाइटरी प्रोटीन और एमिनो एसिड पाए जाते हैं। जो हड्डियों के विकास में मदद करते हैं। यह न सिर्फ हड्डियों को मजबूत बनाने का काम करते हैं, साथ ही यह मांसपेशियों के लिए भी फायदेमंद होते हैं। तिल के बीज में फाइबर की उच्च मात्रा होती है। तिल का प्रयोग मानसिक दुर्बलता को कम करता है। तिल में कुछ ऐसे तत्व और विटामिन पाए जाते हैं जो तनाव और डिप्रेशन को कम करने में सहायक होते हैं तिल में सेसमीन नाम का एन्टीऑक्सिडेंट पाया जाता है जो कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है। 

तिल दो प्रकार के होते है - पहला कला तिल दूसरा सफेद तिल । तिल मे बहुत अच्छी मात्रा  मे तेल मौजूद होता है , अतः यह एक तिलहन फसल है । 

तिल से बने व्यंजन

तिल के लड्डू
तिल और मावा के लड्डू 


तिल और खोए (मावा)  के लड्डू

इसमे सबसे पहला व्यंजन तिल से बने लड्डू हैं। तिल के लड्डू दो प्रकार से बनाए जाते हैं। पहला खोया और तिल के लड्डू – यह व्यंजन खोए को भूनकर, उसमे हल्के भुने हुए सफेद तिल और बूरे  (कैस्टर शुगर) को मिलकर तैयार किया जाता है । 

दूसरी सामग्री  गुड़ 

गुड़  आयरन का  बहुत अच्छा स्रोत है ।  गुड़  खाने से  से खून बढ़ता है ।  गुड़ मे भरपूर मात्र मे  कैल्शियम और फास्फोरस होता है।  कैल्शियम और फास्फोरस हमारी हड्डियों को मजबूती देने के लिए बहुत ही आवशयक होते है । 

गुड में विटामिन -A और विटामिन -B, सुक्रोज, ग्लूकोज, आयरन, कैल्शियम, फास्फोरस, पोटेशियम, जस्ता, मैग्नेशियम तत्व पाए जाते हैं।  गुड़ में कई तरह के आवश्यक मिनरल्स और विटामिन होते है। जो त्वचा के लिए प्राकृतिक क्लींजर का काम करते है । 

तिल और गुड़ के लड्डू 

दूसरा गुड़ और तिल के लड्डू हैं – तिल को भूनकर उनको हल्का-सा कूटकर उसे  कूटे  हुए गुड़ के साथ मिलकार तैयार किया जाता है। सर्दियों के मौसम मे तिल से तैयार यह व्यंजन खाने मे बहुत ही स्वादिष्ट लगते हैं । साथ ही साथ उचित मात्रा  मे खाने पर यह शरीर के लिए अत्यंत  लाभकारी होते हैं । 

तिल से बने लड्डू मुख्य रूप से  मकर संक्रांति ,लोहड़ी और गणेश चतुर्थी  पर्व पर विशेष रूप से बनाए जाते हैं ।  

तिल बुग्गा 

तिल और गुड़ के मिश्रण को लड्डू  का  आकार न देकर उसे कसार (तिल और गुड़ के मिश्रण को कोई आकार न देते हुए, उसे एक मिश्रण की तरह बनाना )  की तरह भी खाया जा सकता है- इस मिश्रण को तिल बुग्गा कहते हैं । 

तिल बुग्गा तिल और गुड़ के अलावा तिल और बूरे के साथ भी बनाया जाता है । 

तिल और गुड़ के मेल से बनाने वाले अन्य व्यंजनों मे तिल की पट्टी, तिल की गजक और तिल की बर्फ़ी आदि व्यंजन शामिल हैं । 

तीसरी  सामग्री  बाजरा (Pearl Millet)

बाजरा एक अत्यधिक पौष्टिक और आसानी से पचने वाला अनाज है । यह एक ग्लूटेन रहित अनाज है। जो ग्लूटेन ऐलर्जी से पीड़ित लोगों के लिए एक वरदान है । बाजरा  शरीर मे कोलेस्ट्रॉल के  लेवल को नियंत्रित करता है । बाजरा फाइबर से भरपूर होता है इसलिए यह पाचन क्रिया मे अति सहायक होता है ।  बाजरा मधुमह के रोग और  वजन को  कम रखने मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है । 


तिल, गुड़ और बाजरे की टिकिया 

बाजरे की टिक्की
तिल, गुड़ और बाजरे की टिक्की 

यह व्यंजन बाजरे जिसे सुपर फूड की श्रेणी मे रखा जाता है के साथ तिल और गुड़ के मिश्रण से बनाया जाता है। तिल, बाजरे और गुड़ से बने इस व्यंजन मे इन तीनों सामग्रियों का होना इसे और गुणकारी बना देता है । सर्दियों के मौसम मे इसका सेवन अत्यंत ही लाभकारी होता है । जहां यह खाने मे स्वाद से भरपूर है वही अपने गुणों के कारण स्वास्थ्य के लिए लाभकारी भी है। 

तिल से बने व्यंजन खाने मे भी उतने ही गुणकारी है और अन्य प्रदार्थ के मेल से यह व्यंजनों को और भी गुणकारी बना देते हैं। 

चौथी सामग्री मूंगफली

मूंगफली खाने में तो स्वादिष्ट होती ही है, इसके कई फायदे भी हैं। मूंगफली प्रोटीन का सस्ता स्रोत है। मूंगफली में आयरन, कैल्शियम और जिंक पाया जाता है. इसे खाने से ताकत भी मिलती है। मूंगफली विटामिन ई और विटामिन बी 6 का भी अच्छा स्रोत है। मूंगफली कई नामों से जानी जाती है - तेलगु मेंपलेलु’ (Pallelu), तमिल मेंकदलाई’ (Kadalai), मलयालम में निलक्कड़ला’ (Nilakkadala), गुजराती में सिंगदाना’ (Singdana) और मराठी में ‘शेंगदाना’(Shengdaane) और बंगाल मे बादाम।  इस का वैज्ञानिक  नाम अरचिस हाइपोगिया है। इसमें तेल की उच्च मात्रा पाई जाती है, इसलिए इसे तिलहन फसल में भी शामिल किया जाता है। 


मूंगफली और गुड़ की चिक्की

मूंगफली और गुड़ की चिक्की
मूंगफली और गुड़ की चिक्की 


सबसे अधिक सभी जगह दिखाई देने वाला व्यंजन मूंगफली और गुड़ की चिक्की जिसका अन्य नाम गुड़ की पट्टी है । यह सर्दियों के मौसम मे उत्तर भारत मे लगभग सभी जगह दिखाई देने वाला व्यंजन है । इसे गुड़ के चासनी मे छिली हुई मूंगफली के दाने मिलकर कर तैयार किया जाता है । वैसे तो इस व्यंजन को आसानी से घर पर भी बनाया जा सकता है , परंतु बाजारों मे इसके आसानी से उपलब्धता होने की वजह से लोग से खरीदकर खाना ही पसंद करते है।  

तिल , गुड़  और मूंगफली  से बने व्यंजन जहां खाने अति  स्वादिष्ट होते हैं वही स्वास्थ्यवर्धक गुणों से परिपूर्ण होते हैं । ये न केवल हमे अत्यधिक सर्दी के प्रभाव से बचते है  अपितु हमारे स्वास्थ्य के लिए अत्याधिक उपयोगी होते हैं । 


तिल , गुड़ और मूंगफली  से तैयार किए जाने वाले कुछ व्यंजन  इस प्रकार है  - तिल और गुड़ की रेवड़ी, मूंगफली की बर्फ़ी , गुड़ के पुए , तिल , गुड़ और मेवों की गजक  इत्यादि । मूंगफली से कई प्रकार की नमकीन भी बनाई जाती हैं जो खाने मे बहुत ही स्वादिष्ट होती है । मूंगफली को उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से मे विभिन्न प्रकार के मसाले के साथ भी खाया जाता है । 

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