कांजी एक ऐसा पेय व्यंजन है जो काली गाजर से तैयार किया जाता है। काली गाजर की उपलब्धता न होने पर आप लाल गाजर मे कुछ टुकड़े चुकंदर के डालकर भी इस व्यंजन को बना सकते हैं ।
गाजर के व्यंजन मे जहां गाजर का हलवा अत्याधिक लोकप्रिय है वही गाजर की कांजी भी एक स्वादिष्ट व्यंजन है। वास्तव मे यह एक किण्वित (fermented) व्यंजन (Dish) है, जिसे हल्की उबली हुई गाजर, पानी, राई, नमक, हींग, काला नमक और मिर्च आदि के मिश्रण को मिलाकर उसे धूप मे तीन-चार दिन रखा जाता है, जिसके बाद यह पेय बनकर तैयार होता है। रोजाना धूप मे रखने से पहले समय-समय पर इस मिश्रण को हिलाने की आवश्यकता होती है जिससे किण्वित प्रक्रिया सुचारु रूप से हो। धूप मे रखने से यह व्यंजन अच्छे से किण्वित हो जाता, जिससे इसके स्वाद मे थोड़ा खट्टापन आ जाता है।
वास्तव मे होली के पर्व के समय यह व्यंजन बनाया जाता है।होली के त्योहार पर जहां गुजिया, पकोड़े आदि व्यंजन काफी प्रचलित हैं , वही गाजर की कांजी भी एक स्वादिष्ट , गुणकारी पेय व्यंजन है । जिसे खाली पीकर ही नहीं उसमे डले गाजर और चुकंदर के टुकड़ों को खाकर आनंद लिया जा सकता है । वैसे तो कांजी वडा से सभी लोग परिचित है परंतु काली और लाल गाजर से तैयार यह व्यंजन स्वादिष्ट होने के साथ-2 स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। इस कांजी मे हम छोटे-छोटे मूंगदाल और उड़द की दाल से बने वड़े डाल कर , इसे काजी वड़े के रूप मे भी खा सकते हैं ।
सदियों से हम पीढ़ी दर पीढ़ी इस प्रकार के व्यंजनों का अपने दैनिक जीवन मे उपयोग करते आ रहे हैं। अपने बचपन मे हमने इस गुणकारी व्यंजन का खूब स्वाद लिया परंतु आज की पीढ़ी इन सब व्यंजनों से अनिभिज्ञ है। फास्ट फूड के चक्कर मे हम अपने व्यंजनों को भूलते जा रहे हैं।
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