दस लाजवाब ठंडे-ठंडे भारतीय पेय व्यंजन|10 AMAZING COLD DRINKS OF INDIA

गर्मियों के मौसम की उष्णता से बचने के लिए  भारतीय  ठंडे पेय व्यंजनों का अपना विशेष स्थान है । यह पेय जहां स्वादयुक्त है वही स्वास्थ्यवर्धक भी है । इनका उचित मात्र मे सेवन हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभप्रद होता है । हमारे यह ठंडे पेय अन्य ठंडे पेयों की तुलना मे सुरुचिपूर्ण और उष्ण मौसम को सहन करने की शक्ति देते हैं। आइए विस्तार से जानते है इन 10 लाजवाब ठंडे-ठंडे भारतीय पेय व्यंजनों के बारे में । 

 ठंडाई :

ठंडाई

होली के पर्व  और गर्मियों के मौसम मे बनाए जाने वाला एक पेय व्यंजन है जो बहुत अधिक लोकप्रिय भी है। ठंडाई में नियमित मिल्कशेक की तुलना में कम कैलोरी होती है यह शरीर को ठंडा रखने में मदद करती है । ठंडाई बनाने के लिए उपयोग की जाने वाली अधिकांश सामग्री स्वास्थ्य गुणों के लिए जानी जाती है। उदाहरण के लिए, सौंफ अपने एंटीऑक्सिडेंट और शीतलता प्रदान करने वाले गुणों के लिए जानी जाती  हैं वहीं गुलाब की पंखुड़ियों में पाचन गुण होते हैं और बादाम विटामिन ई का अच्छा स्रोत हैं। पिस्ता फाइबर, खनिज, और असंतृप्त वसा से भरपूर होता है जो हमारे रक्त शर्करा, रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रण में रखने में मदद करता है। 


काजू शरीर मे ऊर्जा का संचार करता है और यह प्रोटीन का एक अच्छा साधन है । खरबूजे के बीज हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते है और हमारी आखों के लिए भी बहुत ही लाभकारी हैं। खसखस प्रोटीन, फैट, फाइबर, कैल्शियम, फास्फोरस और आयरन जैसे पोषक तत्वों से समृद्ध होता है। इसके साथ ही केसर हमारी दिमाग की सेहत के लिए बहुत ही गुणकारी है । इतने पौषक तत्वों से भर यह पेय स्वाद और सेहत का अनूठा मेल है। जहाँ यह पीने मे स्वादिष्ट है वही अपने लाभकारी गुणों की वजह से सेहत के लिए भी लाभदायक है । 


इसको बनाने के लिए सबसे पहले बादाम, काजू, पिस्ता, खरबूजे के बीज और खसखस को थोड़े से दूध के साथ मिलाकर बारीक पीस लें । फिर एक कटोरी दूध मे थोड़ा केसर डालकर छोड़ दे, जिससे केसर दूध मे अपना रंग छोड़ दे। अब आवश्यकता अनुसार दूध मे चीनी डालकर उसे उबाले । चीनी घुलने के बाद उसमे हरी इलायची, सूखे गुलाब की पंखुड़ियां, दालचीनी और काली मिर्च को बारीक पीस कर मिलाये। इसी घोल मे केसर वाले दूध का मिश्रण और मेवों के मसाले को भी मिला दे। इसके बाद  दूध को 4 से 5 मिनट तक धीमी आंच पर पकाये । अब दूध को ठंडा करके परोसें।


चने का सत्तू : 

सत्तू

सत्तू एक पूरा आहार है। इसमें प्रोटीन के साथ मिनरल, आयरन, मैग्नीशियम और फास्फोरस बहुत होता है।  साथ ही, यह फाइबर से भरा होता है और इसे खाने से पेट आसानी से भर जाता है। सत्तू जौ और चने के मिश्रण से तैयार किया जाता है,  यह शरीर को ठंडक प्रदान करता है। भारत के पूर्व मे खासतौर से बिहार और झारखंड मे यह एक लोकप्रिय व्यंजन है । 

 
सत्तू  का सेवन दो प्रकार से किया जाता है – पहला मीठे रूप मे और दूसरा नमकीन रूप में ।  यह एक औषधीय पेय है जो हमें गर्मी के मौसम मे लू से बचने मे मदद करता है । 

इसको बनाने के लिए एक कटोरी मे दो से तीन बड़े चम्मच सतू का पाउडर ले।। अब इसमे थोड़ा- थोड़ा पानी डालकर एक पेस्ट तैयार कर लें , ध्यान रखें कि पेस्ट बिना गांठ पड़े बिल्कुल  मुलायम (स्मूद)  बने । यदि आपको मीठा पसंद है तो इस पेस्ट मे ठंडा पानी, पीसी हुई चीनी व बूरा मिलाकर एक घोल तैयार करे । तैयार होने पर इस मे कुछ बूंदे नीबू की और बर्फ मिलाकार खुद भी पिये और दूसरों को भी पिलाये । 

नमकीन रूप मे सत्तू को तैयार करने के लिए पेस्ट को उसी तरह बनाए जिस तरह आपने मीठा सत्तू के लिए बनाया था। नमकीन सत्तू के लिए आपको चीनी की जगह चाहिए बारीक कटा हुआ प्याज, काला नमक, सफेद नमक, भुना हुआ जीरा और नीबू । सत्तू के पेस्ट मे ठंडा पानी मिलकर एक घोल बनाए। अब उस मे कटा हुया प्याज, स्वादनुसार काला नमक, सफेद नमक, भुना हुआ जीरा पाउडर और नीबू का रस मिलाए । अब आपका  नमकीन सत्तू तैयार है । 


दही की लस्सी : 

लस्सी

गर्मियों के पेय व्यंजनों मे लस्सी का महत्वपूर्ण स्थान है । पूरे उत्तर भारत मे यह एक स्वादिष्ट और गुणों से भरपूर पेय व्यंजन है । लस्सी दो प्रकार की होती है – पहली मीठी लस्सी और दूसरी नमकीन लस्सी । क्रीमी दही से तैयार  लस्सी के यह रूप स्वाद और सेहत से भरपूर होते हैं । 
इसे Roohafja आदि मिलकर भी तैयार किया जाता है । आजकल बाजार मे यह कई  अन्य स्वाद मे भी मिलती है । जैसे- आम की लस्सी, स्ट्रॉबेरी लस्सी आदि । 
इसे बनाने के लिए क्रीमी दही को पीसी हुई चीनी व बूरा  मिलाकार  मथा  जाता है । मथने के लिए आप रई (मथनी) या मिक्सर का प्रयोग कर सकते हैं । मथने से यह झागदार और क्रीमी हो जाती है, जो बहुत ही  स्वादिष्ट लगती है । आप चाहे तो इसमे केवड़ा और गुलाब जल का अर्क भी डाल सकते हैं । 

दही में फॉस्फोरस और कैल्शियम की मात्रा भरपूर होती है , यह दाँतों और हड्डियों को मजबूत बनाता है। दही पेट के लिए भी बहुत ही लाभकारी है। यह गर्मियों मे लू लगने से बचाता है। इसलिए अत्यधिक गर्मी मे दही का सेवन लाभदायक होता है । दही की लस्सी गर्मियों मे एक गुणकारी पेय व्यंजन हैं । 


नीबू शिकंजी (Lemonade) :

शिकंजी

गर्मियों के मौसम मे गर्मी से राहत के लिए सबसे आसान व्यंजन नीबू पानी या  शिकंजी है । झटपट बनकर तैयार होने वाला यह पेय एनर्जी और “विटामिन सी”  के गुणों से भरपूर हैं । इसको बनाने के लिए चीनी, पानी, काला नामक और नीबू की जरूरत होती है । वास्तव मे यह मेरा भी बहुत ही पसंदीदा पेय  है। आप इसे कई प्रकार से बना सकते हैं- जैसे कि  अगर इसमे सोडा मिला  दे, तो यह सोडा शिकंजी बन जाती है और यदि इसी सोडा शिकंजी मे शिकंजी मसाला मिल दे, तो यह मसाला शिकंजी बन जाती है। आप इसे जिस भी रूप मे पिये , यह बहुत स्वादिष्ट और फटाफट एनर्जी देने वाला ड्रिंक है।  


आप चाहे तो इसका नमकीन रूप मे भी आनंद ले सकते है । इसका नमकीन रूप भी मीठे रूप की तरह स्वादिष्ट और सेहत से भरपूर है। नमकीन नीबू पानी बनाने के लिए पानी या सोडा मे स्वादानुसार काला नमक , जीरा पाउडर और नीबू मिलाए, बस कुछ ही पलों मे आपकी शिकंजी तैयार हो जाएगी । यह व्यंजन हमारे शरीर मे पानी की कमी को पूरा करता है । 


बेल का शर्बत : 

बेल का  शर्बत

बेल एक ऐसा फल है जो ऊपर से सख्त और अंदर से नरम होता है। इसका गुदा लेसदायर होता है। बेल का शर्बत बनाने के लिए पके हुए बेल लीजिए, अब इन्हें धोकर तोड़ कर अंदर का गूदा चम्मच की सहायता से निकाल लीजिये। एक भगोने में गूदे से दो गुना पानी डालकर अच्छी तरह मसल लीजिये। इस मिश्रण को इतना मसलिये कि सारा गूदा और पानी एक लगने लगे।  अब इस मसले गूदे को मोटे छेद वाली चलनी में छान लीजिये। निकाले हुये रस में पीसी हुई चीनी व बूरा मिला लीजिये। अब इसमें बर्फ के क्यूब मिलाईये, ठंडा-ठंड बेल का शर्बत तैयार है । आप इसमे  नमक  भुना जीरा और नीबू डालकर भी पी सकते है।  बेल का यह शर्बत पेट के लिए काफी लाभदायक होता है । 



फालसे का शर्बत: 
फालसे का शर्बत

फालसे (Faalsey) गर्मियों में आने वाला एक फल है जो कि शरीर और मस्तिष्‍क दोनों को ही शीतलता प्रदान करता है इसका शरबत बहुत ही ज्यादा स्‍वादिष्‍ट और लाभकारी (Delicious and beneficial) होता है और इसे बनाने में ज्यादा टाइम भी नहीं लगता हैं । 

सबसे पहले फालसे को अच्छे से धोकर छलनी में रख लें जिससे कि उनका अतिरक्ति पानी निकल जाएं और फिर फालसों को मिक्सी में डाल कर थोड़ा सा मोटा-मोटा पीस ले। अब मिक्सी में ही पीसी हुई चीनी व काला नमक भी डाल दें और थोडा सा चला दें अब पीसे हुए इस मिक्सर को निकाल कर छलनी में छान ले और बारीक कुटी हुई बर्फ डाल कर ठंडे- ठंडे शरबत का आनंद लें। ताजगी से भरपूर यह पेय बहुत लाभकारी है।  यह फल  थोड़े समय के लिए ही उपलब्ध होता है अतः आप इसका आनंद तब तक ही ले सकते है जब तक कि यह बाजार मे आसानी से उपलब्ध हो। इसका खट्टा-मीठा स्वाद मन की बहुत भात है । 

छाछ :

छाछ

छाछ (Buttermilk) एक पेय है जो दही से बनता है। मूलत: दही को मथनी  से मथकर घी निकालने के बाद बचे हुए द्रव को छाछ कहते थे। इसे मट्ठा ,तक्र और ताक भी कहते है । ये पेय भारत में बहुत लोकप्रिय हैं।

यह भोजन पचाने में मदद करती है और पेट को शांत रखती है। इसका स्वाद कुछ खट्टा होता है। छाछ का यह गुण पाचन में सुधार का काम करता है। सूजन, जलन, पाचन संबंधी विकार, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल बीमारी, एनीमिया और भूख की कमी के खिलाफ छाछ एक प्राकृतिक उपचार है।


छाछ कफकारक होता है।। यदि रात को पिया जाएगा तो पाचन के लिए बनने वाले पित्त को कमजोर कर देता है।। जिससे पाचन सही से नही हो पाता है और पेट की बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है।। इसलिए रात को छाछ नही पीना चाहिए। दही की तरह इसमे भी फॉस्फोरस और कैल्शियम की मात्रा भरपूर होती है। 


आम का पना/ पन्ना  : 
आम पना  / पन्ना

आम का पना /पन्ना  प्रायः कच्चे आम से बनाया जाता है। गर्मी मे जब लू चलती है तब इस व्यंजन का सेवन अति लाभकारी होता है। आम से तैयार होने वाला यह व्यंजन वास्तव मे बहुत ही स्वादिष्ट और गुणकारी है । कच्चे आम का खट्टापन, चीनी की मिठास , भुना हुआ जीरा , काला नमक , काली मिर्च और पुदीना इस व्यंजन को एक अलग ही स्वाद प्रदान करते हैं । गर्मियों मे लू से बचने की यह रामबाण औषधि है । कच्चे आमों  को धोकर उबाले  ले । जब आम ठंडे हो जाए तो छिलकों को अलग करके सारे गूदे को गुठली से निकाल ले । अब इस मिश्रण मे चीनी, काला नमक, सफेद नमक, काली मिर्च और भुना हुआ जीरा, पुदीने का पाउडर मिलाए इसके बाद इसे 4-5 घंटे के लिए फ्रिज मैं ठंडा होने के लिए रख दे। आपका ठंडा-ठंडा आम का पन्ना बनकर तैयार है। 

आम रस :

आम रस

आमरस एक बहुत ही स्वादिष्ट पेय व्यंजन है । मीठे-मीठे आमों से तैयार यह व्यंजन बहुत ही मन को भाता है ।  इस व्यंजन को बनाने के लिए मीठे रसदार रेशे रहित आमों की जरूरत होती है। वैसे आप किसी भी आम से आम रस तैयार कर सकते है और अगर आम रेशे वाला है तो आप छलनी से छान  कर ताजा-ताजा आम रस का आनंद ले सकते हैं। परंतु गूदेदार पके हुए रेशे रहित आम से तैयार इस व्यंजन का स्वाद कुछ अलग ही होता है । 
 
इसको बनाने के लिए रसदार पके हुए आम का गूदा  निकालकर उसमे चीनी व बूरा और बर्फ का चूरा  मिलाकर मिक्सर या ब्लेन्डर (BLENDER) की सहायता से थोड़ा मिक्स कर ले। एक से दो मिनट ब्लेन्डर से मथने के बाद ठंडा-ठंडा आम रस बनकर तैयार है । 

आम की तासीर गर्म होती है इसलिए इसका उचित मात्रा मे सेवन ही लाभकारी होता है। परंतु आम Vitamin A का भी एक अच्छा स्रोत है जो हमारी आखों के लिए बहुत ही लाभकारी है । गर्मियों मे जब चाहे इस मज़ेदार व्यंजन का लुत्फ उठाए। वैसे तो बना बनाया आम रस  बाज़ार मे आसानी से मिल जाता है परंतु  घर पर बनाए आम रस का मजा कुछ और ही होता है । 


जल जीरा: 
जल जीरा

जल जीरा एक बहुत ही स्वादिष्ट और तरो ताजगी देने वाला पेय व्यंजन है ।  जलजीरा एक औषधीय पेय भी है । गर्मियों के दिनों मे जलजीरे का सेवन पेट के लिए बहुत ही लाभदायक होता है । 

वजन घटाने के लिए जीरा एक बेहतरीन सामग्री है। जीरा आपकी भूख को कम करता है और यह आपको अधिक कैलोरी का सेवन करने से रोकता है। जलजीरा आपको लंबे समय तक भरा रखता है और यह आपको अस्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थों के सेवन से भी रोकता है।


जल जीरे मे विटामिन सी प्रचुर मात्रा मे होता है जो हमारी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है । जलजीरा मे डलने वाला जीरा वास्तव मे लोह तत्व से भरा होता है, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए एक आवश्यक पौषक तत्व है ।

हमारी प्रकृति ने हमे इतने फल/सब्जियों दी है जिनसे हमने लाजवाब व्यंजन बनाए । इन व्यंजनों की मदद से हम गर्मी के मौसम को आसानी से व्यतीत कर सकते हैं। स्वाद और सेहत से भरपूर यह व्यंजन जहां गर्मी से राहत देते हैं वहीं अपने गुणों के अनुसार सेहत के लिए लाभदायक भी हैं । गर्मियों के मौसम मे इन व्यंजनो का लुत्फ उठाइये , खुद पीजिए और अपनों और दोस्तों को भी पिलाइए । इन व्यंजनों की सहायता से हम गर्मी की उष्णता को आसानी से सहन कर सकते हैं । 


🙏 नमस्ते! 🙏


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