पंजीरी - कृष्ण जन्माष्टमी का स्वादिष्ट व्यंजन व भोग

पंजीरी

पंजीरी एक प्रकार का मीठा पकवान है, जिसे आमतौर पर व्रत और त्योहार आदि के अवसर पर बनाया जाता है । प्रायः पंजीरी को  कृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर बनाया जाता है और भगवान कृष्ण को भोग लगाया जाता है । 

भारत मे पर्व और पकवान का आपस मे कुछ ऐसा नाता है की पर्व को देखकर पकवान की याद आ जाती है और पकवान को देखकर पर्व याद आता है। पर्व पर पकवानों का बनना हमें हमारी संस्कृति से जोड़ता है ।

आजकल लगभग हर चीज आसानी से बाजार मे उपलब्ध होती है । आप हलवाई से लाकर पकवान  का आनंद तो ले सकते हैं, परंतु उस पकवान को बनाकर खाने के आनंद की बात कुछ और ही है। आप उस सुगंध और महक से वंचित रहेंगे जो पूरे घर मे फैल जाती है। आप उस प्रेम और परिश्रम का अनुभव नहीं कर सकते जिससे उसे बनाया जाता है। आप का सहयोग भी, आप के मस्तिष्क मे उस समय की एक अमिट छाप अंकित करता है, जो इन पर्वों के साथ आपके संबंध को मजबूत करता है। आप अपनी श्रद्धा, भक्ति और शुद्धता के साथ इन पकवानों को बनाते है और भगवान को  अर्पित करके ही ग्रहण करते है।  यह हमारे अंदर ज्ञान ,श्रद्धा, भक्ति, प्रेम, परिश्रम, अनुशासन और धैर्य का सृजन करता है । 

जन्माष्टमी का पर्व भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव है। इस पर्व पर लोग व्रत रखकर और अपने हाथों से भोग बनाकर भगवान को अर्पित करते हैं। इस भोग मे पंजीरी एक प्रमुख व्यंजन है । पंजीरी कई प्रकार की होती है – जैसे 

आटे की पंजीरी , धनिये की पंजीरी , सिंगाड़े की पंजीरी और नारियल की पंजीरी व नारियल का पाग । 

आटे की पंजीरी – आटे की पंजीरी , गुड़ व चीनी और विभिन्न प्रकार की मेवा और नारियल का चूरा (पाउडर) डालकर बनायी जाती है । मेवा मे आप मखाने, बादाम, काजू-किशमिश, चिरोंजी, मगज के बीज, इलाइची और गोंद को डाल कर बना सकते हो । आटे की पंजीरी सूखी और कतली दोनों तरह से बनाई जा सकती है । 

धनिया की पंजीरी –इस पंजीरी का मुख्य भाग है धनिया है । धनिये की पंजीरी को देसी घी मे तल कर इसमे मखाने, नारियल का भुना हुआ चूरा , बादाम, काजू-किशमिश, चिरोंजी, मगज के बीज, इलाइची और गोंद को घी मे तलकर , उसमे बूरा व पीसी हुई चीनी मिलकर बनाया जाता है । 

सिंगाड़े के आटे की पंजीरी – सिंगाड़े के आटे को देसी घी मे भूनकर कर उसमे विभिन्न प्रकार के मेवों को मिलाकर और फिर उसमे बूरा मिलाकर सिंगाड़े की पंजीरी बनाई जाती है। आप अपने स्वादानुसार मेवों का चयन कर सकते हैं । 

नारियल की पंजीरी – कसे हुए नारियल के चुरे मे विभिन्न प्रकार के मेवा डालकर, फिर उसमे चीनी की चासनी डालकर इस पकवान को तैयार किया जाता है । इसे नारियल का पाग, कतली और बर्फ़ी आदि नामों से भी जाना जाता है। खाने मे बहुत ही उम्दा और फटाफट बनकर तैयार होने वाला पकवान है, जो भगवान तो भोग के रूप मे अर्पित किया जाता है । आप इसे कद्दूकस किए सूखे नारियल (गोले) व नारियल का बारीक पीसे पाउडर से भी बना सकते हैं। 

आप पंजीरी को पाउडर की तरह सूखी और कतली के रूप मे बना सकते हैं। दोनों ही तरह से यह बहुत स्वादिष्ट लगती हैं । इस प्रकार पंजीरी पाँच सामग्री के मेल से बना एक बहुत ही स्वादिष्ट व्यंजन है जो सेहतमंद होने के साथ-साथ स्वाद से भरपूर है। 

इस प्रकार पंजीरी कृष्ण जन्माष्टमी पर बनाये जाने वाला एक प्रमुख व्यंजन है परंतु आप इस व्यंजन को मुख्यतः सर्दी के मौसम मे बनाकर कहा सकते है ।


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